"नया दौर फिर आएगा" कविता

कोरोना की यह महामारी, पड़ रही अपने वतन पर भारी। चारो ओर मची है हाय हाय, संकट आ पड़ा है कैसा भारी। पर ना घबरा तू यह पल बीत जाएगा। नया सवेरा नया दौर फिर आएगा।। रेमडेसिवर और ऑक्सीजन की, हर तरफ हो रही कमी। प्रति क्षण बढ़ रही यह विपत्ति, न जाने कितनी सांसे है थमी।। इस अंधेरे के बाद उजाला फिर आएगा। नया सवेरा नया दौर फिर आएगा।। शवों के लग रहे अम्बार, कतारे लगी है शमसान में। कौन जलाए कौन दफनाए, खड़े इसी खींचातान में।। बुरा वक़्त एक बार फिर बदल जाएगा। नया सवेरा नया दौर फिर आएगा।। दो गज की रखो दूरी, पहनो मास्क धोओ हाथ। संकट की इस वेला में, थाम लो एक दूजे का हाथ।। मिल कर लड़ेंगे तो कोरोना भाग जाएगा। नया सवेरा नया दौर फिर आएगा। दुश्मन एक है हमारा इस जंग में, बचाव के हथियार से है हराना। जो रखेंगे हम सब संयम, हारेगा एक बार फिर कोरोना।। मुश्किल यह समय "बिरजू" कट जाएगा। नया सवेरा नया दौर फिर आएगा।। बीजाराम गुगरवाल"बिरजू'' स्टेट अवार्डी टीचर चारलाई कला बाड़मेर 9660780535